काबुल के गुरुद्वारे में आतंकी हमला कर संगठन ने ली जिम्मेदारी कहा पैगंबर पर विवादित टिप्पणी का है यह बदला

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सिखों का आखरी गुरुद्वारा ‘करते परवान’ पर आतंकी हमला हुआ है इसकी जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली है। आतंकी संगठनों ने बताया कि बीते दिनों भारत में बीजेपी की नेताओं ने मोहम्मद पैगंबर पर विवादित टिप्पणी की थी जिसका यह बदला है।

अफ़ग़ानिस्तान में सिख समुदाय के लोगों ने हाल ही में बताया था कि वहाँ अभी केवल 140 सिख रह गए हैं, जबकि 1970 के दशक में वहाँ लगभग एक लाख सिख रहा करते थे.
भारत सरकार ने काबुल में गुरुद्वारे पर हमले की निंदा की है. तालिबान ने भी हमले को कायराना कार्रवाई बताया है.

काबुल पुलिस के प्रवक्ता ख़ालिद ज़दरान ने बीबीसी से कहा कि आम नागरिकों को निशाना बनाना हमलावरों के कायराना रवैये को दिखाता है.

उन्होंने कहा, “हमारे कॉमरेडों ने सिख समुदाय के लिए अपनी ज़िंदगी कुर्बान की, उनकी सुरक्षा इस्लामी सरकार के भीतर उनका हक़ है.”

हमले के बाद इस्लामिक स्टेट ने एक बयान जारी कर इसकी ज़िम्मेदारी ली और बताया कि हमला कैसे हुआ.

तालिबान ने एक संदेश में कहा कि उसके हमलावर ने बंदूक़ और हैंड ग्रेनेंड से गुरुद्वारे में सिख और हिंदू श्रद्धालुओं पर हमला बोला जिसमें कथित तौर पर 20 तालिबानी सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं या घायल हुए हैं. उसने दावा किया है कि हमले में कुल 50 लोग हताहत हुए. हालाँकि स्थानीयी मीडिया में ये संख्या बहुत कम बताई गई है.

अमेरिकी एजेंसी ने बताया, अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति कितनी रकम लेकर भागे?
तालिबान से पहली बार मिले भारतीय राजनयिक, क्या है वजह?
आईएस ने हमलावर की पहचान अबू मोहम्मद अल-ताजिकी के तौर पर की है और उसकी एक तस्वीर भी जारी की है. इस नाम से ऐसा लगता है कि हमलावर मूलतः ताजिक शख़्स था.

आईएस ने बताया कि इसके बाद घटनास्थल पर तालिबान के सुरक्षाकर्मी पहुँचे और उनका मुक़ाबला करने के लिए उनके चरमपंथियों ने विस्फोटकों का इस्तेमाल किया और एक कार बम धमाका किया जिससे कई तालिबान लड़ाके हताहत हुए.

168 Views