गोरखपुर के छात्र ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में लिया दाखिला ,किया नाम रौशन

पूर्वांचल की गोरखपुर में काबिलियत की कोई कमी नहीं है गोरखपुर में हर क्षेत्र में आपको काबिलियत देखने को मिल जाएगी एमएमएमयूटी के छात्र ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में एमवे फ्री एनर्जी स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला लेकर गोरखपुर के साथ ही पूर्वांचल का भी नाम रोशन किया है।

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र वारीश प्रताप को प्रतिष्ठित कैंब्रिज विश्वविद्यालय में एम फिल एनर्जी स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला मिला है। वारीश एमएमएमयूटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के 2016 बैच के छात्र रहे हैं। 2016 में एमएमएमयूटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी टेक करने के उपरांत वारीश ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में कैरियर शुरू किया था। वर्ष 2021 में वारीश ने बी पी सी एल में एक्जीक्यूटिव मैनेजर (रिटेल बिजनेस) के रूप कार्य करते हुए अपनी कंपनी सुस्लैब्स फाउंडेशन इंडिया की स्थापना की। फिलहाल वे सुस्लैब्स फाउंडेशन इंडिया के संस्थापक निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

मूल रूप से फर्रुखाबाद के रहने वाले वारीश ने एमएमएमयूटी में अपने अध्ययनकाल में भी बहुत सी उपलब्धियां हासिल की हैं। वारीश ने बी टेक के दौरान राष्ट्रीय स्तर की ऑल टेरेन व्हीकल (हर तरह की सतह पर चलने में सक्षम कार) मेकिंग प्रतियोगिता ‘एस ए ई बहा’ में एमएमएमयूटी की टीम का नेतृत्व किया था। बी टेक के दौरान ही वारीश को नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की छात्र फेलोशिप और ऋषि शुक्ला मेमोरियल स्कॉलरशिप भी मिली थी। वारीश को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतिष्ठित परीक्षा ग्रेजुएट एप्टिट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (गेट) में प्रथम प्रयास में 301वीं रैंक प्राप्त हुई थी। ऊर्जा खपत एवं वाहन प्रदूषण पर किए गए कार्य के लिये बी टेक के दौरान ही बेस्ट बी टेक प्रोजेक्ट पुरस्कार भी वारीश को मिला था। वारीश ने शिक्षा मंत्रालय की एक परियोजना के अंतर्गत भौतिकी की दो पुस्तकों का तकनीकी अनुवाद भी किया है। फिलहाल वारीश अंतर्राष्ट्रीय संस्था ‘ क्लाइमेट इंटेरेक्टिव’ के सदस्य के रूप में जलवायु परिवर्तन पर जन-जागरण का कार्य भी कर रहे हैं । वारीश फर्रुखाबाद के मूल निवासी श्री शिव कुमार चतुर्वेदी एवं श्रीमती मंजू चतुर्वेदी के पुत्र हैं। वारीश अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने शिक्षकों प्रो बी के पांडेय, प्रो डी के सिंह, प्रो वी के गिरि, डॉ एस पी सिंह सहित अपने मित्रों को देते हैं। उनकी उपलब्धि पर मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग सहित अन्य विभाग के शिक्षकों ने हर्ष व्यक्त किया है।

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