सीआरसी गोरखपुर में मनाया गया विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस

गोरखपुर : सीआरसी में विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिव्यांगजन और उनके अभिभावक उपस्थित रहे। बता दें डाउन सिंड्रोम एक विकार है, जिसमें बच्चे की बौद्धिक, भाषिक शैक्षिक तथा सामाजिक कार्य क्षमता प्रभावित होती है। जिसकी वजह से वे बच्चे कभी-कभी अपने रोजमर्रा के जीवन यापन में भी असुविधा महसूस करते हैं।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता डॉ कमलेश कुमार पांडे हृदय रोग विशेषज्ञ एवं पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सीआरसी गोरखपुर में विभिन्न प्रकार की चिकित्सकीय सुविधाएं प्राप्त कर रहे दिव्यांगजनों एवं अभिभावकों के लिए यह घोषणा की कि प्रत्येक माह में एक बार उनकी तरफ से हृदय रोगियों की मुफ्त में जांच सलाह एवं दवा वितरण का काम किया जाएगा। इसी कार्यक्रम में सीआरसी गोरखपुर के सहायक प्राध्यापक विशेष शिक्षा नीरज मधुकर ने बच्चों की दैनिक दिनचर्या से संबंधित गतिविधियों का विस्तार पूर्वक विश्लेषण करते हुए उनका उपयोग कैसे किया जाए उसके बारे में अभिभावकों के साथ चर्चा की।

पुनर्वास अधिकारी राजेश कुमार यादव ने डाउन सिंड्रोम बच्चों के पैदा होने के कारणों एवं निदान के बारे में विस्तार से चर्चा किया। कार्यक्रम के दौरान सीआरसी गोरखपुर के विषय विशेषज्ञ रॉबिन एवं संजय प्रताप सिंह आदि ने डाउन सिंड्रोम के विभिन्न पहलुओं जिसमें डाउन सिंड्रोम होने का कारण, डाउन सिंड्रोम बच्चे का गृह आधारित प्रबंधन, डाउन सिंड्रोम बच्चे का भाषा विकास आदि के बारे में जानकारी दी। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के निदेशक डॉ हिमांग्शु दास के निर्देशन में संपन्न हुआ। सीआरसी गोरखपुर के रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर रवि कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डाउन सिंड्रोम बच्चे का सही पुनर्वास सेवा द्वारा सुधार संभव है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम समन्वयक राजेश कुमार ने मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास हेल्पलाइन किरण के बारे में विस्तार से चर्चा किया।

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