केआईपीएम में 15 दिवसीय पर्यावरण एवं संरक्षण कार्यक्रम का विश्व पर्यावरण दिवस के दिन हुआ समापन

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर केआईपीएम गीडा गोरखपुर में एक सेमिनार का आयोजन हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर कमल किशोर पंत, डायरेक्टर आईआईटी रुड़की एवं विशिष्ट अतिथि एआईसीटीई के मार्गदर्शक प्रोफेसर एस पी पांडे, प्रो वाइस चांसलर रुड़की की उपस्थिति में प्रारंभ हुआ।
इस कार्यक्रम में कार्यक्रम संयोजक सर्वप्रथम इंजीनियर प्रतीक शाही ने 15 दिनों से चले आ रहे कार्यक्रम में इस्तेमाल किये गये प्लास्टिक को इकठ्ठा करना, पोस्टर कम्पटीशन एवं जागरूकता अभियान, साइकिल रैली, छात्र रैली, नुक्कड नाटक, वाटर बाडी क्लिनिंग ड्राइव, स्लोगन राइटिंग, वृक्षारोपण, पर्यावरण जागरूकता पर किए गए कार्यों का वर्णन संक्षिप्त रूप से सभी लोगों के समक्ष प्रस्तुत किए ।


एआईसीटीई के मार्गदर्शक प्रोफेसर एस पी पांडे, प्रो वाइस चांसलर रुड़की ने प्रोफेसर कमल किशोर पंत, डायरेक्टर आईआईटी रुड़की का स्वागत किया तथा उनकी व्यस्ततम समय में से केआईपीएम को अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।
मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर कमल किशोर पंत ने पर्यावरण दिवस पर संबोधित करते हुए कहा कि प्रदूषण विभिन्न प्रकार के होते हैं जिसमें मुख्यतः जल प्रदूषण वायु प्रदूषण पर्यावरण प्रदूषण एवं भूमि प्रदूषण होते हैं वर्तमान में हमें अपने जीवन शैली में बदलाव लाकर पर्यावरण को संरक्षित किया जा सकता है। प्रदूषण ऐसा शब्द है जिससे हर कोई नफरत करता है लेकिन यह मानव एवं उनकी गतिविधियों से ही पैदा होता है। प्रोफ़ेसर पंत ने विभिन्न प्रकार के प्रदूषण पर चर्चा करते हुए उनके बचाव के लिए विस्तृत रूप से सभी शिक्षकों एवं छात्रों को समझाया एवं श्री पंत ने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए एवं विश्व पर्यावरण दिवस पर किये जा रहे जागरूकता अभियान को सफल बनाने के लिए केआईपीएम परिवार को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर कमल किशोर पंत जी ने यह भी कहा कि केआईपीएम के जो शिक्षक एवं छात्र आईआईटी रुड़की में चल रहे शोध परियोजनाओं में अपनी सहभागिता निभाना चाहते है हम उनका आईआईटी रुड़की में स्वागत करते है।

एआईसीटीई मार्गदर्शक प्रोफेसर एस पी पांडे ने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर हो रहे प्रदूषण पर विस्तृत चर्चा किया श्री पांडे ने बताया कि हमें प्लास्टिक अथवा पॉलिथीन के उपयोग से बचना है पॉलिथीन के उपयोग करने से बहुत से जानवरों को जान गवानी पड़ रही है तथा पोखरे एवं तालाब में प्लास्टिक की चीजें फेके जाने के कारण जल प्रदूषित हो रहा है जिससे मछलियां एवं अन्य जलीय जीव जंतु मरते जा रहे हैं तथा कई प्रजातियां होती जा रही है। श्री पांडे ने इससे बचने के लिए एवं पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए कपड़े एवं जुट की थैलियों के प्रयोग पर बल दिया। श्री पांडे ने सुझाव दिया कि वेस्ट प्लास्टिक को रीसायकल कर करके हम प्लास्टिक ब्रिक व अन्य उपयोगी सामान बनाया जा सकता है इसमें नगर निगम का सहयोग लिया जा सकता है । श्री पांडे ने केआईपीएम परिवार द्वारा किये गए इस 15 दिवशीय जागरूकता प्रोग्राम के लिए सभी शिक्षकों एवं छात्राओं सहित स्थानीय लोगों को पर्यावरण संरक्षित करने हेतु जागरूक किया केआईपीएम परिवार बधाई के पात्र हैं जो जन जागरूकता से संबंधित ऐसे सेमिनार का आयोजन बराबर करते रहते है।
संस्था के चेयरमैन श्री आर डी सिंह एवं प्रबंध निदेशक श्री विनोद कुमार सिंह के द्वारा छात्र-छात्राओं के द्वारा किए गए पेपर प्रेजेंटेशन में तुषार कांति को प्रथम, शीतल प्रजापति को द्वितीय, गोल्डी को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया तो वही मॉडल प्रेजेंटेशन के लिए संजीव को प्रथम, सूरज पांडे को द्वितीय, हिमांशु एवं कविता को तृतीय पुरस्कार से सम्मानित किया साथ ही सूरज पांडे, संजना, संजीव, हिमांशु, सोनल, सुहानी को सांत्वना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।


प्रबंध निदेशक विनोद कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि का अपने व्यस्ततम समय में से समय निकालने के लिए आभार व्यक्त किए एवं विश्व पर्यावरण दिवस पर 15 दिवसीय जागरूकता अभियान के लिए इंजीनियर प्रतीक साही एवं उनकी टीम को हृदय से आभार करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से संस्था के निदेशक एस के पाठक, अपर निदेशक डॉक्टर जाहिद रियाज खान, सानिब निदेशक पी सी श्रीवास्तव, डायरेक्टर फार्मेसी डॉक्टर जे एन मिश्रा, कार्यक्रम संयोजक इंजीनियर प्रतीक शाही, राहुल पटेल, विवेक सिंह, मयंक मोहन मिश्रा, सरिता माथुर, अनुज शुक्ला, प्रियंका पांडेय, संजय गुप्ता तथा विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाओं से आए सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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